What is M.Phil in Hindi – एम.फील क्या होता है इन हिंदी | अगर आप पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके है और इसके बाद भी आगे रिसर्च बेस्ड स्टडी करना चाहते है तो आप एम्.फील कर सकते है. और एम.फील क्या है?, और इसे करने की कोनसी कंडीशंस और क्राइटेरिया क्या है?, ये सब आपको आज हमारे इस आर्टिकल में पता चल जायेगा। इसीलिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े ताकि एम.फील कोर्स से जुडी सारी क्वेरी आप सोल्व कर सके.
What is M.Phil in Hindi – एम.फील क्या होता है इन हिंदी
एम.फील की फुल फॉर्म है मास्टर ऑफ़ फिलोसोफी। और ये एक पोस्ट ग्रेजुएट एकेडेमिक रिसर्च प्रोग्राम है जिसकी अवधि दो साल की होती है. किसी भी स्ट्रीम से पोस्ट ग्रेजुएट होने के बाद आप एम.फील कर सकते है. यानि आपने चाहे साइंस, आर्ट्स, लॉ, हमनिटीज़ यानि की हिंदी, इंग्लिश, हिस्ट्री, इकोनॉमिक्स जैसी किसी भी सब्जेक्ट में मास्टर डिग्री ले रखी हो तो भी आप एम.फील करने के लिए एलिजिबल होंगे। इस कोर्स में थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल सब्जेक्ट भी होते है और रिसर्च वर्क भी एम.फील में शामिल होता है. एम.फील को सेकंड मास्टर्स डिग्री भी कहा जाता है जो मास्टर डिग्री और पी.एचडी के बिच में कम्प्लीट की जाती है.
एम.फील कोर्स करने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए – What is the Eligibility Criteria for M.Phil?
अगर आप एम.फील करना चाहते है तो इसके लिए आपका मास्टर्स डिग्री कम्प्लेट करना जरुरी है. यहाँ पर इम्पोर्टेन्ट पॉइंट ये है की आप उसी सब्जेक्ट में एम.फील कर सकते है जिस सब्जेक्ट में आपने मास्टर्स डिग्री कम्पलीट की हो. इसके अलावा कई कॉलेजेस और इंस्टिट्यूट की अलग अलग कंडीशन भी होती है. जैसे एम.फील कोर्स में एडमिशन लेने के लिए मास्टर्स डिग्री में कम से कम 55 % मार्क्स होना जरुरी है.
जनरली एम.फील कोर्स में एडमिशन पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री की परसेंटेज के बेज पर, मेरिट के हिसाब से दिया जाता है लेकिन कुछ यूनिवर्सिटीज में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट क्लियर करने के बाद ही इस कोर्स में एडमिशन मिल पाता है.
एम.फील कोर्स करने के लिए कुछ पॉपुलर कॉलेजेस के नाम – Top M.Phil Colleges in India
- Madras Christian College, [MCC] Chennai
- Loyola College, Chennai
- Christ University, Bangalore
- Stella Maris College, Chennai
- Women`s Christian College, [WCC] Chennai
- Ethiraj College for Women, Chennai
- Aligarh Muslim University, [AMU] Aligarh
- L.S. Raheja College of Arts & Commerce, [LSRCA] Mumbai
- Dr NGP Arts and Science College, [DNGPASC] Coimbatore
- St Joseph’s College, Tiruchirappalli
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एम.फील कोर्स करने के फायदे क्या क्या है? – What are the benefits of M.Phil Course?
एम.फील कोर्स में आपको आपके सब्जेक्ट की डीप नॉलेज मिलती है वो भी एकदम गहराई से जो रिसर्च बेस्ड होती है. इस कोर्स को करने के बाद आप अपने सब्जेक्ट के एक्सपर्ट बन जाते है. ऐसे में आपके लिए रिसर्च बेस्ड जॉब को चुनना या टीचिंग जॉब में जाना आसान और फायदेमंद हो जाता है. इस कोर्स के बाद आप पीएचडी भी कर सकते है.
एम.फील करने के बाद सैलरी कितनी मिलती है? – How much salary do you get after M. Phil?
एम.फील करने के बाद आप कितना अर्न कर सकते है ये है इम्पोर्टेन्ट सवाल, तो ये आपके सब्जेक्ट और एम.फील करने के पर्पस पर डिपेंड करेगा यानि आप इकोनॉमिस्ट के तोर पर करियर बनाते है तो आप एवरेज 2 लाख पर ईयर सैलरी से सुरुवात कर सकते है.
और अगर आप अपने सब्जेक्ट के एकेडेमिक रिसर्चर बनना चाहते है तो भी आप एवरेज 2 लाख रुपये सालाना कमा सकते है. तो इस तरीके से आप असिस्टेंट प्रोफ़ेसर भी बन सकते है और सिविल सर्वेंट भी बन सकते हो क्युकी अपने सब्जेक्ट की डीप नॉलेज लेने के बाद आप मास्टर्स डिग्री की तुलना में बेहतर करियर ऑप्शन पा सकते है. वैसे अक्सर ये कन्फूजन भी रहता है की एम.फील और पी.एचडी में क्या डिफरेंस होता है? तो इस लिए इसे समझना बहोत जरुरी है तो आईये जानते है.
एम.फील और पी.एचडी में क्या डिफरेंस होता है? –
What is the difference between M.Phil and Ph.D.
- एम.फील और पीएचडी दोनों ही रिसर्च ओरिएंटेड कोर्सेज होते है.
- इन दोनों ही कोर्सेज को करने के लिए मास्टर डिग्री होना जरुरी होता है.
- एम.फील की अवधि 2 साल की होती है जबकि पीएचडी की अवधि 3-6 साल तक होती है.
- एम्.फील रिसर्च का एक छोटा सा रूप है जबकि पीएचडी का दायरा बहुत बड़ा होता है.
- एम.फील केवल एक पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री है जबकि पीएचडी हाइएस्ट रैंकिंग डिग्री है जो की स्कॉलर को उसके रिसर्च वर्क के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा दी जाती है.
- एम.फील कोर्स से आपको “मास्टर ऑफ़ फिलोसोफी” की डिग्री मिलती है जबकि पीएचडी करके आप “डॉक्टर ऑफ़ फिलोसोफी” कहलायेंगे।
- दोनों ही कोर्सेज में आपको रिसर्च वर्क करना होगा और थीसिस तैयार करनी होगी लेकिन एम्.फील की थीसिस , पीएचडी की थीसिस से कही ज्यादा छोटी और आसान होगी क्युकी एम्.फील में रिसर्च वर्क को असेम्बल करके थीसिस बनायीं जा सकती है. लेकिन पीएचडी में तैयार की गयी थीसिस ओरिजिनल रिसर्च पर बेस्ड होनी चाहिए।
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दोस्तों अब आप जान चुके है की एम्.फील कोर्स क्या है? और इसे करने के लिए कोनसा प्रोसीजर फॉलो करने की जरुरत होती है. इसके साथ साथ आप एम्.फील और पीएचडी के डिफरेंस को भी समझ ही गए होंगे।
तो हम उम्मीद करते है की यह आर्टिकल What is M.Phil in Hindi – एम.फील क्या होता है इन हिंदी को पढ़के आप आपकी सारी क़्वेरी सोल्व कर पाएंगे और आपके लिए हमेशा की तरह मददगार भी साबित होगी। अब ये तो आप हमें कमेंट में लिखके ही बताएँगे की कितनी मददगार साबित हुवी है. और लास्ट में जयहिंद।